एक गोरी पियावा के प्यार मिलत कैसनबा
हमर लेखा की गसागीरी के जैसनबा
जब से साधी बहुल गंके भुल गयलो
अपना बलम जै के बाणी हम रानी
जैसन सुचनी घार बार पहले बाणी
मीले चरण में सुख जारधाम जैसे
हम बनी सीता साइया बाड़े राम जैसे
छोटी छोटी बाबुनीयन कोड़त दुलार
अपना से ज़्याधा के अर्गोड़त हमार बने
कोई सौन सास सौसुर, कोई सौन बाड़े भौसुर
सब जाने माने तो हके के कोड़त धूसुर फूसुर
मैं जस सास, पापा जस सासूर
बढ़का भाईनीयन बढ़े भौसूर
चॉले न पाता बीटे सुबह सम कोई से हम बनी सीता सैँया बढ़े राम जयी से
सर्विस सही खाना हाथ सेखिया वेले
निनद नहीं आवे तो बुलोरे सुनावेले
बढ़के बहीन जस मिलले जेथानी
सोखे सोहे जस ननद देवरानी
सर देझ शुखाम जयी से हम बनी सीता सैँया बढ़े राम जयी से
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