भुख्र भोडी खोईबा, सन्या अमर होजाईबाहमना धोडी में खीर पुडी खोईबा, सन्या अमर होजाईबाहमना धोड़ी में खिर पुड़ी खोईबा, संया अमर हो जाईबाठेके ना लागता तो हरी राता, गरम त्यो बाड़ू हो दिसे जादाअन्हारे अन्हारे तुदा बाईबा, राजा जन्नत में जाईबाहमना धोड़ी में खिर पुड़ी खोईबा, संया अमर हो जाईबानाईहर में रहनी अपना छिजी के जगाईले, आजले ना केहु के बाईबानाईहर में रहनी अपना छिजी के जगाईले, आजले ना केहु के बाईबानाईहर में रहनी अपना छिजी के बाईबातहरो समानी नाही रही अधूरा, चालो सवक्थ तोहर कादे ही पूराये हो किसोर जुल्ला के रसु गुल्ला खोईबा, पड़ी महजा बाईबाहम्रा धोड़ी में खिर पुड़ी खोईबा, संया अमर हो जाईबासो सल्जिया वाई राजा