धिक्षा से भोजन करे जग का पालन हार
येसे दाता को करो वन्दन वारंवार है साई जग का पालन हार
सब से नाता साई का
राजा हो या फकीर
सब से नाता साई का
राजा हो या फकीर
सब में बराबर बातता थ्यार की वो जागीर चाहे राजा हो या या फकीर
भेद भाव ना जानता
ऐसा भोला साई
मस्जिद को वो प्रेम से कहे द्वार कामाई है
इतना भोला मेरा साई
कैसे कैसे करश में करते साई ना
हम सब है कठ पुतलिया दोर है उनके हाथ हमारी दोर है उनके हाथ
हमारी दोर है उनके हाथ
हमारी दोर है उनके हाथ
सुख शान्त चाहो अगर
करो साई का जाव
साई क्रिपा से मिट जाव फे
ताप ताप संथाप कर लो साई जी का जाव
साई जी के रंग में जो
तन और मन रंग वाई
साई जी के रंग में जो
तन और मन रंग वाई
हर पल साई नात को अपने सन मुख पाए साई के रंग में जो रंग जाए
मूरत में साई जी की
तीनो लोक समाए
मूरत में साई जी की तीनो लोक समाए
सची जिसकी आस था
नजर उसी को आए
साई नजर उसी को आए
साई नात सहाई
भगतों की विपता में हो
साई नात सहाई
जो साई का बन गया
उसकी बात बनाई कहाई दुख भजन
मेरे साई
सुखों की खान साई को ना भिसारी ए
साई सुखों की खान साई दया बिन ना होगा हम
सब का कल्यान के लोग सब साई का बिन गान
साई पिता वही माता है
साई सब का नात
पिंता भक्तों की उसे
रहती है तिन रात
वही है सारे जग का नात
साई मूरत त्याग की
विश्वर का है रूप
साई भक्तों पे कभी पड़े ना दुख की धूप है मेरा साई रभ का है रूप
विश्वर अल्लह एक है
कह गए साई राम
विश्वर अल्लह
एक है
कह गए साई राम
जितने उसके भात है उतने उसके नाम
कह गए मेरे साई राम
साई की वानी में है घीता और कुरा
साई सच्चे मीत है
साई सच्चा ज्यान सभी को देते करुणा दा
साई सच्चे मीत है सभी को
देते करुणा दा
विरथा कहे गवाए तू ये जीवन अनमोल
सारे जग में कौन है
साई जैसा आओ दो पल जड़ा
विचार तू कर इस बात पे गौर नहीं है साई सा कोई कार
साई
को सबकी
फिकर
मांगे सबकी खैल
उसको सब अपने लगे
लगे न कोई गैल साई
मांगे सबकी खैल
खुला है सब के वास्ते साई जी का द्वार
साई जी सुनते यहाँ हर प्राणी की पुकार है साई जा साई का दर्बार
हिंदु मुसलिम के लिए ये दर एक समान
हिंदु मुसलिम के लिए
ये दर एक समान
हिंदु मुसलिम के लिए
ये दर एक समान
हिंदु मुसलिम के
लिए ये दर एक समान हिंदु मुसलिम के लिए ये दर एक समान हिंदु
मुसलिम के लिए ये दर एक समान हिंदु मुसलिम के लिए ये दर एक
समान हिंदु मुसलिम के लिए ये दर एक समान हिंदु मुसलिम के �
साई चाहे तो धरे
निर्धन के सर्ताग
साई चाहे तो धरे
निर्धन के सर्ताग
इन्हें खवर कल क्या होगा,
क्या होता है आज साई जी निर्धन को देताज
जहां समाधी साई की
वहां साई का वास
खोय है साई यहां कहे साई के दास यहां है
साई जी का वास
साई अपने भक्त के
आशु देख नपाए
साई भक्ती का कवच ये
जिस जन को मिल जाए
साई भक्ती का कवच
ये
जिस जन को मिल जाए
बुरी बलाए दुनिया की
उसको छूना पाए रे साई
साई के पथ पे चलो ये पथ स्वर्ग को जाए
साई नाम
अन्धेरे में
पगपग राह दिखाए चलो रे साई हमें भुलाए
साई भूँ हे प्रेम के
देखे जात न पाए
साई भूँ हे प्रेम के
देखे जात न पाए
उसके हे ठाम ले
जो भी इनका हाथ न देखे
साई जात पाए
आउरों के तुख में सदा जो जननीर बहाए
आउरों के तुख में सदा
जो जननीर बहाए
उसकी ऐसी भावना ओ साई को पाए रे भरतो
ओ साई को पाए
भुकरा दे ये जग
जिसे
साई उसे अपनाए
इसनी ये बाबा मेरा तुख भंजन कहनाए
साई
सबको गले गाए
सबको गले गाए
माला साई नाम की
जो फेरे दिन रे
साई ने संसार को
दिया यही संदेश
सबसे मिलिये प्रेम से मन से मिटा के
द्वेश यही है साई का संदेश
आठो भहर करता है जो
साई जी को याद
उसके संग रहता सदा साई का आशिरवाद करे जो
मिद साई को याद
साईन इस दिन नए नए
चमतकार दिखलाए
साईन इस दिन नए नए
चमतकार दिखलाए
साई का चिमटा करे हर दुख का उपचाए
साई का चिमटा करे हर दुख का उपचाए
अगनी प्रचंड करे कही
जल की बहाये धार ये चिम्टा
करे हर दुख का उपचाए
साई बाबा की चिलम ये करती है करमा
जब ये जले दिन होता है
जब ये बुझे हो रात
हो है ये सची बात
नीम तले मेरे साई जी
आसन अगर लगाए
कड़वे पत्ते नीम के मीठे होते जाए दरस जब
साई जी के पाए
किसमत वालों को मिले
साई चरण की धूल
इसी धूल में खिलते है
सुख शांती के फूल है
पारस
इन चरणों की धूल
साई सुमिरन कीजिये
करिये साई का जाव
सुमिरन कीजिये
करिये साई का जाव
जहां भजन हो साई का वहां न
रहते पाप
जहां हो नित साई का जाव
सुनो भबुत ये साई की क्या क्या करे कमाल
सुनो
भबुत ये साई की
क्या क्या करे कमाल
निर्थन को धनमाल दे
बाँजो को देलाल भगूती करती बड़े कमाल
साई शिर्डी थाम की
सारे जग में धूम
साई शिर्डी थाम की
सारे जग में धूम
यहां मिले वन चाहा फल
है सब को मालूम
पढ़ो चाल साई का
मन में रख विश्वार
पढ़ो चाल साई का मन में रख विश्वार
हर मुश्किल में पाऊगे साई को अपने पास करेंगे
साई पूरी पास
करेंगे साई पूरी पास
करेंगे साई पूरी पास