आमरा उपर लागल छै धारा तिन सदू
बागी टेनपन ने लिहे है के जान हमर तू
आमरा उपर लागल छै धारा तिन सदू
बागी टेनपन ने लिहे है गज़ान हमर तू
जिना लाहक छै जबादी घड़ा हाई बो
तोहटे साउज है जैना, अहाँ है जाई बो
चिनिगि आये, कि सौग्है बिग्नरैमा
तुहाँ रे सौग्है जैना, हाँ है चैदा
चिनिगि आये, कि सौग्है बिग्नरैमा
कोई न छिये हमा हु अपराध जानगे, जाई रहते हमारा पदली नोई कहनगे
तोड़ भी न केना रंत, याहे तरी माझानू मारे
भहै वरो आसो आते धालु रैग।
जन यह अम तोड़ा बोडि यादि ये दनौ
तोहड़े सांध्य जेला, आः जाईबा
जीमिंगे माझानौ
साँग है विद्राई, तो हर साँग है जैना, हाँ ने जाएबा, जिनिगि आएबा, साँग है विद्राई
कि कोड़ा भी भागे मेले खला रहाई, वहदा महतिगे, चेंज्यो नै कोड़ा युवाला छोई, कोई दे हमारा रासिगे
सारो बन सुझीत जीवन, सुनाईंग लासरे, नै रहले हमारा पासरे
जफै ये बत्व पे मंगिया नाचाई भाज, तोहरे सोंग है जैना, हाँ ने जाएबा, जिनिगि आएबा, साँग है विद्राई
तोहरे सोंग है जैना, हाँ ने जाएबा, जिनिगि आएबा, साँग है विद्राई
सुझी सहरसा