बाहरा से कमा के अल्ला कुछ नहीं लगला होमाई के तु दिहल साड़ी आजल पहराई ला होराब ना ही सनवा तुहरा साच को होता नीतैगो साड़ी लादा धानी जाओन पिने ली जठानीराब ना ही सनवा तुहरा साच को होता नीतैगो साड़ी लादा धानी जाओन पिने ली जठानीसुर्या के नाबात मन बनाई हर चली जाई बहोकेतनों मस्का मर बापावन तो बनाई ही आई बहोसुतेग पड़ी राजा तुहरा धोके सी रहानीतैगो साड़ी लादा धानी जाओन पिने ली जठानी