साडे के लंगाड़ी से कोई ने पड़ो
मौसम सुहाना बाते सुनो ए प्यारी
काहें के मने मने देत बाड़ू गारी
मौसम सुहाना बाते सुनो ए प्यारी
काहें के मने मने देत बाड़ू गारी
ले वेदा माजा को रामै आजा
अईसे ना हम केटा रोख रोख रोख रोख
साडी के लाताडी से कोई ने पड़ो
कवन लो ते राजा जी धाई ने पड़ा
गरम या सहम के मुझे ले पड़ा
कवन लो ते राजा जी धाई ने पड़ा
बारो बेइमान राजा हो मन नदान राजा
मारो तरमु सुकीनु हौ
हौ में होर हमें बना नहीं हो
ले वेदा चुस कीनु हो
जाए हन्दियों ने अतना नपादी बेजारम जी
आज गुझाना मरद के तुमारम जी
मुद बिगारा ना बदेसे मारद
ने बहुत तंगी जावन करो
साड़ी की लकाड़ी से कोई ले बड़ो
कोवो नलो ते राजा जी धोई ले बड़ो
गोरो में यसा हम के मुई ले बड़ो
कोवो नलो ते राजा जी धोई ले बड़ो
नास दिल आयाज तो तो गोबनेक सारे
उत्सा तिवारे नो
लाले लाल से उखाने तोहारो जवाने
होई ना हाने नो
शुडे न फिर पाना पाने तूट गाया हो
तोहारो ठवा के लाख
रानी छुट गईल हो
रमकी मनीज �्पहल कारी
अन्जनी आईस्टे भर रख रख रख
साडी की ला ताड़ी से कोईले पलो
कौवन लोत राजा जी धोईले पलो
गरम यस हम के मुवाये पलो
कौवन लोत राजा जी धोईले पलो
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