सब भुम बाले आजा, सब भुम बाले आजा
पूले तैनाची का जल्नी, ये छलक वह जती
हजरते आमुना के घर से उजाले आजा
सब भुम बाले आजा, सब भुम बाले आजा
ना खुदा उम्मते, आशिकत ही है मौला
दूबने से मरी तश्ती को बच्चाले आजा
रुज जमाने का पिदा, जाता है तेरी पिदा
हली मात भली, वो दुखे पाले आजा
सब भुम बाले आजा, सब भुम बाले आजा
सूर सेना की चजली, ये छलक वह बत्ती
हगते आमुना के घर के उजाले आजा
सब भुम बाले आजा, सब भुम बाले आजा
सब भुम बाले आजा