जे करा छहरा पर नूर हो जाला
उआदनियत से दूर हो जाला
इहे ते खलबा जमाना में
कि उकरा गुरूर हो जाला
सब कहेला कि बहुत
सुघर बालू तू तो ना लागे न काची उमरिया में
सब कहेला कि बहुत
सुघर बालू तू
तो
ना लागे न काची उमरिया में
नosed
सराभी न ताकल कर,
रूप के राणी छटे
से न जखल कर
जेन ताकेलू
अनहर्यों में अजूर हो जला
जेन ताकेलू अनहर्यों में अजूर हो जला
जेन ताकेलू अनहर्यों में अजूर हो जला
जला जला ज़ादू
तो न भरल वा
नजरिया में
आपके
पुरिशत में आके बनवले खुदा
देभी
देखेला तो है के हो जाला फिदा
उहके पुरिशत में आके बनवले खुदा
देभी देखेला तो है के हो जाला फिदा
तो हर चुल में जवानी कहानी बनी
दाग लागे न कोरी चुनरिया बे
सब कहेला की बहुत
सुभर बाड तू
ना लागे न काची उमरिया बे