सावरे तोरे नेना...
सावरे तोरे नेना...
शीने मन का चैना...
शीने मन का चैना...
सताई बोहे सारी रेना...
सावरे तोरे नेना...
तोरेने नाजा
दो नैना मत बाले
जैसे मैं के प्याले
उठती जो ये पल के कितना प्यार है चल के
क्यूं खोए हो तुम इल्ह में नजारे कई जग में
अब क्या लेना साबरे तोरेने ना
नैनों के ये साए दूप में सावन लाए
पो इन में बसकाओ दूप के जन्नत पाओ
ना कुछ और तुम कहना ना बेहरी लगे नैनों
बिना मुझे को अब एक पल भी है
जीना सावरे दोरे नैना
सावरे दोरे नैना
जीने मन का चैना
जीने मन का चैना
सताए भोहे सरीरेना
सावरे दोरे नैना
दोरे नैना
सावरे दोरे नैना
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