कि पुरा दिन का कुछ काम नहीं करती खाली जबान चलती रही तो बोले जबान बोले मैं टाइम पूरा करते
काम कुछ नहीं करना तो आवकाम तो मैं करूं तो पड़ी कड़ तो ख़ाली दो कि मैंने किसी दिन तेरे
चोटे न पकड़कर तेरे इसे ओले सोले मारूँगी तेके ले रैप ते
अच्छा, सारे गाम की बुड़ियाने खट्टी करके तु गरम हैं, उक्का बजावे हैं
तेरे उक्के न ठाके बगाऊँगी किसी दिन
मेरा क्या मैं तो पड़ी बुड़ी हूँ, तन्न सरम आनी चाहिए, बुड़ी गोड़ी लाल लगाम कुछ काम न करे
अच्छा, कितनी बोले, देख ले कितनी बोले, नुए बोलूंगी पड़ी लिखी हूँ तेरे तरगो न
ननन कुल अच्छनी मत जाना, चिंघड जिले न तेरी रोज की राड
चुटीला, चुटीला, लूँदारी का पाड
चुटीला, लूँदारी का पाड
राण दिमेंद, राण दारी पाड
रांड मेरा मत ना मून्ड बिगार गणी तू मत ना जीव निकार रांड मेरा मत ना मून्ड बिगार गणी तू मत ना जीव निकार जली की जली की जली की देवू घागरी फाड जली की देवू घागरी फाड
जली की देवु घागरी फाड
नासन बिगड़े खाने दाने की
दुसमन पड़ेगी मेरी जाने की
नासन बिगड़े खाने दाने की
दुसमन पड़ेगी तू मेरी जाने की
उतनी सुकान दिये मेरे हाट
तारे तन बना दिया है बढ़
उतनी सुका दिये मेरे हाड यो गर्तन बना दिया है भाड
चुटीला के चुटीला लुदारी का पाड
चुटीला लुदारी का पाड जली की देऊंगा गिरी फाड
जली की देऊंगा गिरी फाड
मेरे छोरे की तकदीर खुट की त्रीगिल लै किसा पर था करे
तो मेरे छोरे के तब खुल गए
कड़े के वाह खुल गए मेरे छोरा बिचारा तानजेक सुका के किसा कर दिया
मारी ते बिलकुल मां जा रही है तू बीच में रोड़ा है मारे बीच में दोन माी के
ओ कलिहारी तू तेरे ताड़ी
तेरी मा उतनी होगी तेरे ताड़ी
फिरे हांडिती घर घर ठाली
आपने जैसी आदक सबकी जाना है तू
कलिहारी तू तेरे ताड़ी
फिरे हांडिती घर घर ठाली
दरी छाती पे जन के धाड़
मिनट में दूँगी नकरा जाड़
जड़ी की देऊंगा गिरी फाड़
जुटि ना दिओं दारी का पाड़
जुटि ना दिओं दारी का पाड़
इतनी पड़के मन न पूले रोटी पड़ी सबदंद क्यों दूँगी
अद चक्कर में हो
इबे इबे मेरे आद तेर जाले मैं तेरे जैसी के परोशे ना हूँ
अच्छा
गल मूही मत बोले जादा
नुए बोलूँगी मैं तो
चुप रहने मैं तुझको फाइदा
ना रहूं ना रहूं ना रहूं
गल मूही मत बोले जादा
चुप रहने मैं तुझको फाइदा
ठहर जाकर यूं बंद की वाड
भीच दियूं लज मारी तरीया
खहर जाकर दियों बंद की वाड बीच दियों लजवारी तेरी नाड
चुटीला तेरा ल्यूदारी का पाड
जड़ी की देऊं घागरी पाड
तेरे सुसरे ना आनने आज इस घर का फैसला हो करेगा
इस घर मैं तैं रण नहीं जाओंगी बताद देओं
इस घर ते तु जागी मैं को ना जाओं कदी भी
आपने छोड़े नहीं दुबारे ब्यार जाओंगी बताद देओं
तेरा नहीं ये मेरा घर है
मेरा खटाना रामेश्वर है
तेरा नहीं ये मेरा घर है
मेरा खटाना रामेश्वर है
कि तेरा द्यू सब बैम निकाल
कि तो है मेजू जिल तिहाड
जड़ी की देऊंगा गिरी फाड
तो लचनी मत जादा चिंगाड
तो लचनी मत जादा चिंगाड
तो लचनी मत जादा चिंगाड
छुटी लालियों तारी का पाड
रांज मेरा मत नहां मूंडी बिगाड
गनी तू मत नहां जीब निकाड
जड़ी की रामेश्वर है
जली की देऊं घागरी फाड चुटी लालू दारी का पाड
जली की देऊं घागरी फाड