सासे सास पर राम भज वृधा सास मतीखों
सासे सास पर राम भज वृधा सास मतीखों
ना जाने इस सास का आवन होए ना होए कभीरा आवन होए ना होए
पानी के राँ बुद्धु बुदार इस मानुष की जार
पानी के राँ बुद्धु बुदार इस मानुष की जार
देखत ही छिप जाएंगे, देखत ही छिप जाएंगे, जो तारा परवाद कभीरा, जो तारा परवाद।
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