रुत्मस्तानी समा सुहाना
ऐसे में क्या कॉलेज जाना
कर ले छुट्टी सोच बहाना
आज का दिन है मेरा
क्या खयाल है तिरा
छोड़ो जी छोड़ो ये गाल कुलाना
मुझको ना गुसे भरी आंखे दिखाना
यही रहेगा जो हाल तुम्हारा
सोचो तो कैसे होगा अपना गुजारा
कितना हसी है नखरा तुम्हारा
माधे पे बल भी लगता है प्यारा
तेरी इस सदा का मैं हूँ दिबाना
ऐसे में क्या कॉलेट जाना
कर ले छुट्टी सोच बहाना
आज का दिन है मेरा
क्या खयाल है तीरा
साले शहर की तुझे सैर कराऊं
तुझको रुमैंस भरी पिक्चर दिखाऊं
फिर तुझे चकपटी चाट खिलाऊं
बोल मैं कैसे तेरा दिल बहलाऊं
थोड़ा सा हसलो
अब तो खुदारा
कुछ निचे आए पारा तुम्हारा
मुझसे है मुश्किल दा मन छुडाना
ऐसे में क्या कॉलेज जाना
कर ले छुट्टी सोच बहाना
आज का दिन है मेरा
क्या खयाल है
तेरा