मेरी लाडो का दूपटा कैसे रङा खुन से
बापू जी की आखें जाने क्यों रो गई
बापू तेरी बेटी जाने कहाँ खो गई
नन्ही सी हसी कैसे चुप हो गई
वहाँ जाके देखा तो बेटी की लास थी
कपडों के बिना देख रूह रो गई
बेटी मेरी अब ना रही भाईया की जो लाडली थी अब ना रही
खेतों से वो लास अब घर आ रही उल्ट सीधी बातें बेटी पर जा रही
लड़के तूझे पब्बे पहनें जी तो ऐसा ही होगा न
दीरे रानी बेटी घर आ गई गाँ रोता बाबू रोते मा भी रो गई बाबू तेरी बेटी
जाने कहाँ खो गई दन्ही सी हसी कैसे चुप हो गई रोता छोड़ अपने ही छोटे भाई
को बोलो दीदी बोलो तुम कैसे सोचे न न न न न न न न न न न न न न न न न न �
जलती चिता भी एक सच कह गई तु लिख ओ मभीर भेना
सच कह गई जब तक पापियों को सजा मिले न यहाँ
अरे दुनिया बालों
आज एक गरीब की बेटी थी
कल तुमारी भी हो सकती है
और जिनने भी ऐसा किया है न
कल तुमारी बेहन भी
खुण की आंसूर हो सकती है
अब तेरी बेटी जाने कहाँ खो गई
नन्ही सी हसी कैसे चुप हो गई
के हुआ बाले कलम तेरी रो गई
अब तेरी बेटी जाने कहाँ खो गई