पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बनाती
पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बनाती
उन गाउं बाबा रूप चंदजी मुझे चरणों में जगाती
उन गाउं बाबा रूप चंदजी मुझे चरणों में जगाती
तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
हैरान है जमाना मन्जिल भिन रही है।
पत्वार्य के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
पिरिनाव चल रही है। हैरान है जमाना। पन्जिल दिन रही है।
धीरान जिन्दगी को तेरी खुश्बू से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है।
किसी और चीज के अब तरका।
ही नहीं है।
तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है।
किसी और चीज के अब तरका।
ही नहीं है।
पुणेगाँ तेरा हर गम।
ओ।
पुणेगाँ तेरा हर गम।
जो चरण में पना दी।
तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पुणेगाँ तेरा हर गम।
मैं तो नहीं हूँ काबिल तेरा मार कैसे पाऊँ
तूटी हुई वाणी से गुणगान कैसे गाऊँ
मैं तो नहीं हूँ काबिल तेरा मार कैसे पाऊँ
तूटी हुई वाणी से गुणगान कैसे गाऊँ
मुझे जानी सब जमाना
ओ...
मुझे जानी सब जमाना
तूने है वो वजा दी
तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी
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