Nhạc sĩ: Karishma Sharma
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बोली वाला जी महराज कीजे हो।ए बस ग्या रोम रोम में बाला जी का वानर सारूप।ए बस ग्या रोम रोम में बाला जी का वानर सारूप।ए उस्ते मिलन की बेचैनी ए रहवणला की मन में।वो अजनी का लाल ऐसा बस बैठा इसे तन में।वो अजनी का लाल ऐसा बस बैठा इसे तन में।बस बेठा से तन में, मन समझा ये न समझे, समझा लिया मने एक खूँ, बस गया रोम रोम में, बाला जी का वानर सा रूम।बावणी जित देखू वो बाब नजर ही आवे, राम राम हे राम राम दिन रात सुनता जावे, निमे सुधवत खोगी कर गया वो चातू गणा जो,बस गया रोम रोम में, बाला जी का वानर सा रूम।बावणी जित देखू वो बाब नजर ही आवे, राम राम दिन राम दिन राम दिन राम दिन।बावणी जित देखू वो बाब नजर ही आवे, राम राम दिन राम दिन राम दिन राम दिन।बावणी जित देखू वो बाब नजर ही आवे, राम दिन राम दिन राम दिन राम दिन राम दिन।बैठी शरण लगाली मन में जालू ठे अनूब, बस गया रोम रोम मैं बाला जी कावा नरसारू।