वो ख़लवा, वो गेंदा
हाँजी
कुछ सा गाम भाई?
शुरी पत्सर सा
पुरी पत्सर?
रह रो तक्का
राड़ी सच्चू
हाँ भाई, किसे और न कोई आपती?
गणीयावा मैं मतनावा नावा में टांग देंगे
रह मना सब बाता का बेरा, कुछ ना सोधा सम खतेरा
ये रण्ड्यायाली अर्कत ना छोड़या करा थठेरा
तनने बिड़ना से तै बिडले, टैम जंगा तेरी आक मिलले
हम काठ का बाती सुनले, रह पेटी मैं तारा सा
रह रोटक ता फोन जब जाता, रह तूरंत खुल जा खाता
हम बोली दरक धाली मैं आरफीम ता मारा सा
रह रोटक ता फोन जब जाता
बुबी दो सो,
ये बुबी दो सो,
जोयो इच्छे शीनो,
आइड़ो,
वो दो भूचन जोगो
जियो वो ल्यावची नी,
वो शैं ब्यावशुनी,
बेबी,
वो बुनन लीकाई नी
रह रह पेटी मैं तारा सा रह रोटक ता फोन जब जाता,
रह तूरंत खुल जाता,
रह तूरंत खुल जाता
हम बोडी दरकाई धाली मैं आरफीम ता मारा सा रह रोटक ता फोन जब जाता
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