धुणी घड़नाई रिकसा की कमाईसअच्छाघड़नी आओ जुलनी गड़नाई, रिकसा की कमाईसचुप ड़ाओ, काये सकीन तारताअरे आप की ना आजायेयाओ जुलनी गड़नाईआज लेना लाली बाली, लोईलो नकीन केअच्छासो रहो सिनहर सवत के, देलो सहो बुछीन केकाये बड़ू हूँ, बुछे लाओतू ही हमर धान बाड़ू, धान रहोजोड़ मत बोल जीजामन चाही तो राखे, वाब कहोजुट के फूल बना बेलो जाई सेना नाधानी आओ जुलनी गड़नीअरे अम्रा ना चाही तारे जुलनीधानी आओ जुलनी गड़नीरिकसा के कमाई सेधानी आओ जुलनी गड़नीरिकसा के कमाई सेअरे विश्वा कर रहाबाता न कमाई तो हना हाँ बुल जातामाना बाके सारध हा हमरोमौना वे मेरा हेलामौनत तो हार गिगड़ गईसब के हुखा हेलासंजे पे भरोता जाँकोई लिको रहोकैसे करेंनहीं सोन रुहित बो के आदध धरोकारब सिकायत अपना भाई सेआई तंकाधानी आओ जुलनी गड़नीछड़ी आओ दूर हटाधानी आओ जुलनी गड़नीरिकसा के कमाई सेधानी आओ जुलनी गड़नीरिकसा के कमाई सेअरे विश्वात करो