उना लहरा के मचलो गोरी
थोड़ा समभल पे तल
उना लहरा के
मचलो गोरी
थोड़ा समभल पे तल
नजर लग जाएगी तड़पाएगी पछताएगी पल-पल
जूना लहरा के मचलो गोरी
थोड़ा समभल पे तल
चोली दावन का बदन धोड़ा सा धाकने
चहरे पे हलका सा भूघट निकालने
काजल लगा के निकल ओ गोरी धोड़ा समभल के तल
नजर लग जाएगी तड़पाएगी पछताएगी पल-पल
जूना लहरा के मचलो गोरी थोड़ा समभल के तल
पायल की चंचं को तू थाम ले चूडियों की खंखं को तू आराव दे
वदल छुपा के निकल ओ गोरी धोड़ा समभल के तल
नजर लग जाएगी तड़पाएगी पछताएगी पल-पल
जूना लहरा के मचलो गोरी थोड़ा समभल के तल