सो रावन मरे तभी चापन पैदा हुआ
अनु चाटब यावली एंड नवनी चाटब मुरा कबाद
रवी दासी है हम, रवी दासी है हम
सुनले किसी से नकम
अरे जगे चलाते रे छितर हिलाते
महरे जैसा किसी में नतम
हर जगे चलाते रे छितर हिलाते
महरे जैसा किसी में नतम
उपर है सब सेरे सिस्टम हमारा
छेडे ना छेडे ना हाई है पारा
तेरा भी देखूँगा कितना है सरकल भग जाँगे सारे मैं आऊंगा जिस पल है
मैटर ख़दम थारा मैटर ख़दम बेटे करते जो छेड़ों के तम
हर जगे चला दे रहे छेतर हिला दे महरे जैसा किसी में ना दम
मारा चले से हर छेतर पे कब्जा चवरवन सी घून ना रहे साजो तब जा
हम बैठे हुए पर सासन ने ठाटे जो अपनी पे आवे तो
तुम्हारा चले से हर छेतर पे कब्जा चवरवन सी घून ना रहे साजो तब जा
गोड़ी चले जब गोड़ी चले रे हर आखे हो जावे नम
हर जगे चला दे रे छितर हिला दे महरे जैसा किसी में ना दम
हर जगे चला दे रे छितर हिला दे महरे जैसा किसी में ना दम
महरे ठाट से साही और काड़ी है गाटी जोरे से ठाटे और ठाटी है बाटी
हम लगे ही ऐसे चो देखे वो डर जा तू बालक है छोटे रे बेटे तू घर जा
हल पावे ना सुन हल पावे ना हर पैर जहां जावे जमू
हर जगे चला दे रे छितर हिला दे महरे
भारे जैसा किसी में ना दम
हर जगे चलाते रहे छित्तर हिलाते
भारे जैसा किसी में ना दम
अनुच जाटव का रुत्मा से जारा
जो देखना होता प्यावली में आना
नव नीत जाटव मुराता बाद से
भाई चारे मैं धाटी बात से
जे लिये सोनू जे ढीया सोनू
लिख देवे सुनके रिदम
हर जगे चलाते रहे छित्तर हिलाते
भारे जैसा किसी में ना दम
हर जगे चलाते रहे छित्तर हिलाते
बारे जैसा किसी में ना तम
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