सहराजी या भुलाई के काना बोहाने चाउरी
अगे तुरी याद में चरचा चला बोही ओ चाउरी
तहरा पिया भुलाई के काना बोहाने चाउरी
अगे दिन में भुलाई के फुतला बोहाने चाउरी
तहरा दिया दिरतिया काना बोहाने चाउरी
तहरा दिया भुलाई के काना बोहाने चाउरी
प्याण नाही करी है भाईबा दिल से कहाली ओरे
पतिया नाही मानमी ता रतिये तु कानमी रे
ठाउरा के बतिया तोरा प्याणा लगाओ चाउरी
तहरा दिया भुलाई के काना बोहाने चाउरी
तहरा दिया दिरदिया रोबा बोहाने चाउरी
तहरा दिया भुलाई के काना बोहाने चाउरी
शूरज के สाझा दी है नह्न दनि के माजा दी है
सचन के د्वारा पर गहण बधवाई दी है
शूरज के साझा दी है नह्न दनी क� ệ माजा दी है
सچन کے द्वारा प्रभऽन बधवई दी है
दी लबा में जर देके जाबो है ने चाउरी
तह रतिया बोलाई के कानाबो है ने चाउरी
तह यादिया दी रतिया रूबाबो है ने चाउरी