ज़रावी पूदा देखे पैलवा खटिया सकिया कुबे हिले
धारो है गलवा देखे पैलवा खटिया सकिया कुबे हिले
राती में जब जब संया मिले जवानी मूरा कुबे खिले
काकही आपन दीला के बतिया माझ में काटे दीले औरी रतिया
कारे ना हलव लगाई के पलवा दूधे काहे तन पिले पिले
कारे ना हलव लगाई के पलवा दूधे काहे तन पिले पिले
राती में जब जब संया मिले जवानी
जवानी मोरा तुबे खिले राजी में जब जब सन्या मिले जवानी मोरा तुबे खिले
जवानी मोरा तुबे खिले
तादे तादी आवा चाचार कारे हमर खटी आवा
चांदनी से तूरू दिला लगाके हमरा से काहे मिले मिले
राती में जब जब सया मिले जवानी मोरा खुबे खिले