पेहार मास्ती चापेण
जल्वारी पोड़ी आर्चिडियो
अपनोरी बोला
कैसे के दुखे हम साही
नहीं
तुहरा बीना कैसे रोही,
दिले के दुखे कैसे साही
साटर खोला ना दुखानिया के
हावा खाये दाबुढणिया के रसा छूसे दाज़वणिया के
जब से देखनी तोह के दिलावा कोर धाक धाक हूँ
हमरा
खातीरी तालाये जनू कोर जनी लाक हूँ
देखे में लगता रुपारी जरी सटाये हारी अरी
देखे में लगता रुपारी कोर जनी लाक हूँ
দেখে মেলা গেটারং পাডি
জোরি সটাএং হরি হরি
পিযা দতানি পাডিআকे
হযা খাএদা মজানিআকे
রসা ছঁসইদা জানিআকे
হযা খাএদা জানीআকे
একे আপঅযদে হযা খাএদা জাनीআকे
একे আপाযদे হযা জানাদে ভযা জানাদে হযা জানाদে
پینٹو پرے میں کسور کردہ بابیاں بھی لاب ہو
دیکھی کی توہاں رسا گلا
منمیں اٹھے بولا بولا
کیوں چاہے لوٹو پھانیاں کے
ہوا کھاے دا بڑھانیاں کے
رسا چھو سے دا جوانیاں کے