सर
खोली हाँ
होली हाँ
छपडा के कपडा रङा इल खाली आदा,
आदा के लोग बड़ी रहे सिधा साधा
यहाँ भेटा इल भेटा इल से लूरके
छली के हुक दोरे दाटे से तूरके,
रंग होसलाई काला हेला हे गाजी पूरके
वो जगा वाला
रंग न पावल कुछ आजम गडमाँ,
रंगा रंगा इल जब गैनी लाखाना
वन्भू विनोद से न बचाबू,
पीजे बे मोहन साथे नाचाबू
छली के हुक दोरे दाटे से तूरके,
रंग होसलाई काला हेला हे गाजी पूरके
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