एराजी नरौंग चराद
तो लगे नरौंग चराद
तो लगे नरौंग चराद
तो लगे नरौंग चराद
भारे बस गईलो बारा परदेश हो
जिनागी में बारे कलेश हो
जला दिसे आवन एराजाजी
बतिया इबारे बिशेश हो
भारे बस गैलो बारा परदेश हो
जिनागी में बारे कलेश हो जला दिसे आवन एराजाजी बतिया इबारे बिशेश हो
बिलाखो के रोहत बिन्दिया छूमे कान बालिके
छूमे कान बालिके
एहो बलमुआन रोंग छरोता एराजाजी न रोंग छरोता तोहरा बिन समेला मालिके
लागे सब बेकार हो
बलमु आन रोंग चरहता,
ए राजाजी न रोंग चरहता
तोहरा बिना उठला लिके,
ए भलमु आन रोंग चरहता
तोहरा बिना उठला लिके,
ए बलमु आन रोंग चरहता
दोई सपनावा देख देखिके, खो जाना रजे भोर,
तोहरा न कुछो बुझा, ए रामेश भोईल बारा कथोर
मारत तताना भैजल सन्तुस, बतिया बोलाता गालिसे,
ए भलमु आन रोंग चरहता,
ए राजाजी न रोंग चरहता
तोहरा बिना उठला लिके, ए भलमु आन रोंग चरहता
तोहरा बिना उठला लिके, ए
राजाजी न रोंग चरहता