सद्बनमायी...सद्भनमायी...सद्बनरisés...सद्बनराप...सद्बनरा...रंग में भंग मिला के...जोगेर रब सारा रब...चार दिан की सुन्दयी है...आये नाये दूबारा...आये नाये दूबारा...मस्रभोसमस्टी मेर लगाके रंग बुलाेय...तेरी पतली कमरिय..तरी पतली कमरीय करती बवाץ..जब मारो पिचिकारी तऊ अंबुरा...तरी पतली कमरीय करती बवाध...जब मारो पिचीकारी तोन करती बवाध...तरी पतली कमरीय करती बवाध...जब मारो पिचीकारी तोन करती बवाध...मैपल मेर रंगो के नवावी होगी...तरी मल-मल की कुर्ती गुलावी होगी...साध में होद मिलाके है रंग लगा ओ यार...चार जंकी जंत्य है आयेना ये दूबारा...होली में सब जलता है करोना तु सवाध...तेरी पतिली कमारिया..तेरी पतिली कमारीया करती बावाल..जब मारो बिच कारी तो होये बूरा हाल...तेरी पतिली कमारिया करती बावाल..जब मारो बिच कारी तो होये बूरा हाल...होये बूरा हाल..होये बूरा हाल..होये बूरा हाल..छार जन की जिंदगी हाय..आये नाये दुबाराआंके मेरी बसती..मैं darn क्या करते हो कमाईतेरी पतलीग कमारीयाय..तेरी पतली कमारीीया..करती बावाल..जब वो मारव पीटज़कारीतो होए भूरा हालतेरी पतली कमारीया..करती बावालजब वो मारव पीटज़कारीतो होए भूरा हाल