अरे ओ राधा,
सुनो तो सही ये माखन लेके कहा जा रही हो
अरे कनहिया,
मैं आज तुम्हारे बातों में नहीं आने वाली हूँ
मैं साथ समझती हूँ तुम्हारी चला की
अरे सुनो तो सही आज होली है
अरे ह่ुली है तो क्या हुआ
अरे होली में तो क Multiple कंस कम रंग तो लगबा लो
ना ही नाग़ि कventh हैया मैं तुम्हारी बाटों में नहीं आने वाली हूँ
सुनो राधा
रा रा रा रा राज़ुगी जी सरा रा रा रा
सत्वर के कहा चली तू बर्साने की गोरी
भागुन का ये मोसम आया खेलू तो से हो री बोलो
जब तुन डोले होले होले
वो ब्रज की खोरी
चुनर तोरी तोरी
सुनरी बरसान की छोरी
यूम रोडो न कलाईया चुनर मोरी कोरी
रङ्मत डालोरी कानाईया चुनर मोरी कोरी
पॉली है
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