करता बहदल चवकी पढ़हा राजादला उखाड़ी पूरा पटरकेकरता बहदल चवकी पढ़हा राजादला उखाड़ी पूरा पटरकेबसल बाड़ा परदेश बलमुआ कुमुचता देवा राग कठरकेकरेला जगरा हुँसे देह जग जोर के बेरा उबन ओले बाते साझी राते भोर केबाईर बार रहन वो करे हमारा ना सोहाला आवते ही घरावा में मारे देला तालालेवेला किसी गाल देवे दुनु मिशी मना करी तो देखे लागे पातरा केबसल बाड़ा परदेश बलमुआ कुमुचता देवा राग कठरकेमुचता देवा राग केघरे ना ओईबा जदी संदीप बलम हो एको सुधी छोड़ी ना ही देवा रा अलंग होबात ना ही माने तनको तुन तुन उताम के थाना इखे लागते हमारा पंकाजी के मन केहाँ घरे ना ओय बादज़ा दी संदिप बलम हो एको सुधी छोड़ी ना ही देवा राउलंग होना ही बढ़ते डड काली कहे बाली स्टोरी साइआ बथथा ता पंचरो जला फ़ड़ा के बसला बड़ा पर देश बलमकुमचता देवा राख ख़़फ़़ा के बसला बड़ा पर देश बलम