आईए प्रेमी सजनों आपकी सेवा में कवी के द्वारा लिखी हुई एक ऐसी रागणी जिसमें हर पंक्ती हर लाइन अपने आप में एक प्रश्न है किस तरह से कवी ने बड़े सुन्दर शब्दों में लिखा है सुनिये का इस रागणी के माध्यम से
राम राम में भी तोटाया जाए ऐसी रिष्टेदारी क्या
परनिभावे नायारी का ऐसे नर से आरी क्या
राम राम में भी तोटाया जाए ऐसी रिष्टेदारी क्या
राम राम में भी तोटाया जा ऐसी रिष्टेदारी क्या
पर निभान दा यारी का ऐसे नसे यारी क्या
राम राम में भी तोटाया जा
पतनी हो तो हो पत विर्ता बहुंडी बोले नारी क्या
सलह नहीं माने पतनी की ऐसा पती या नारी क्या
सलह नहीं माने पतनी की ऐसा पती या नारी क्या
पुत्र वही जो पिता कहे को पुत्र अवै क्या कारी क्या
लज्जावती पुत्री हो निर लज्ज पुत्री प्यारी क्या
लज्जावती पुत्री हो निर लज्ज पुत्री प्यारी क्या
कोयल अच्छी लगे कूकती पेसा कुरम में कारी क्या
राम राम में बिटो उठाया जा
दान नहीं दे यथा योग्य गिरबन की साहु कारी क्या
तोड़ा मैं जो खाली की तुमों पर शेयर फैर बन रखे रहेये
सोदा में जो खा जाए घाटा ऐसा भी व्योपारी क्या
पहरे में चोरी करवा दे ऐसी पहरेदारी क्या
गुनहगार को पकड़ सके ना ऐसी थानेदारी क्या
जिसका जाए चूक निशाना उसका नार शिकारी क्या
राम राम में भी तो टाया जा
पहुँच सके ना जो मंजिल तक उसका नाम सवारी क्या
बैंडे बिना कुलहाडी कैसी बिन दाते की आरी क्या
बैंडे बिना कुलहाडी कैसी बिन दाते की आरी क्या
मांगी चीज लोट जाये दे के उसका नाम उधारी क्या
दूद दोत में लाट मार दे ऐसी गऊद उधारी क्या
उन्याय छान के नहीं करे जो
नाय छन के नहीं करें जो पंचो की सिर्दारी क्या राम राम में बिटो लाया जा
पेट भरे ना मजदूरी से ऐसी पल्लेदारी क्या
मांगे ना जो परमारत हित उसका नाम भिखा
रन छेतर में पीठ दिखाईदे छतरी तेगा धारी क्या
खेल भावना से ना खेले उसका नाम खिलारी क्या
खेल भावना से ना खेले उसका नाम खिलारी क्या
संपोसी लिख नया गीत हाँ
रन छेतर में पीठ दिखाईदे छतरी तेगा धारी क्या
रंगोंची लिख नया गीत नहीं, गल्यों ती बंचारी क्या
राम, राम, मैं भी दो टाया जा, ऐसी विष्टे दारी क्या
मरणे भाव ना यारी का, ऐसे दो से आरी क्या
राम, राम, मैं भी दो टाया जा
राम, राम, मैं भी दो टाया जा