जै श्रीराम
जै श्रीराम
जै श्रीराम
जै श्रीराम
मेरी जान यह योध्या है
मेरी शान यह योध्या है
मैं हूँ
राम लला का दिवाना
अभिमान यह
योध्या है
अभिमान यह योध्या है
मेरी जान यह योध्या है
मेरी शान
यह योध्या है
मैं हूँ
राम लला का दिवाना
अभिमान यह योध्या है
ये है
राम लला की भूनी
यहाँ राम राम
भूजेगा
चाहे जिता में सर कट जाए है वही करेंगे जो सूझेगा
हम हिंदू हैं बस अपना धर्म निभाएंगे
परिराम लला का मंदिर यहीं बनाएंगे
खोला जो खून तो कुछ भी हम कर जाएंगे
मेरे राम लला का मंदिर यहीं बनाएंगे
जिसको जो करना है कर लो
ना हम भगवा ढंग छोड़ सकते हैं
ना जीने का ढंग छोड़ सकते हैं
अरे फितरत सिर्फरे हैं हम
ना होसला एं दबंग छोड़ सकते हैं
जब तक ये सास चले गी
बोलूने
जय श्रीराम मैं अमित सिंह कहता हूँ जल्दी होगा निर्माद
जल्दी होगा निर्माद जब तक ये सास चलेगी बोलूंगा जय श्रीराम
मैं अमित सिंह कहता हूँ जल्दी होगा निर्माद
इस बार ययोध्या में जब मेरे रामलला आएंगे मन खुश होके नाचेगा
हम यही गीत गाएंगे सब हिंदू भाई मिलकर मंधिर जाएंगे
पर रामलला का मंधिर यही बनाएंगे
पर रामलला का मंधिर यही बनाएंगे
पर रामलला का मंधिर यही बनाएंगे
मिलकर मंदिर जाएंगे, पर राम लला का मंदिर यहीं बनाएंगे
जिसको जो करना है कर लो, मेरी बात दिमाग में धर लो
मैं राजपूत या तरंगी, आओ मैदान में लड़ लो
हम मारेंगे या लड लड के मर जाएंगे, पर राम लला का मंदिर यहीं बनाएंगे
हम मारेंगे या लड लड के मर जाएंगे, पर राम लला का मंदिर यहीं बनाएंगे
जिसको जो करना है कर लो, मेरी बात दिमाएंगे
जय सुरीरा