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हुआ है कि महाराज बेशरद जी रोग सरदवात शरीर पड़ी गई कवसल्यामानी शंका पड़ी एकदम सपास या गया अनुखात्री थाई
कि महीपति अमने छोड़ी जता रहा चरणारविंद मां मस्तक मुतिन राम जननी आकरंद करी महाराज अमने अनाथ करिया तुमित्रा राणियों सुमन बदा फुट फुट कर रहने लगे ओध्या मस्तक पचारवा लागी अनाथ हो गई अवध महाराज चली गई
अने मृत्ती ने कौन वोकी शकोजे बन तुलसी राजी आज मृत्ती उपर पुष्ट चलावीन बोलाज जीवन मरन फलग भर्षरात है दन्य छे ना जीवन ने दन्य छे ना मरन ने ये राम राम करता प्रान छुते जे आठी अवे बाकरंद करें सवार करता वश्विष्�
आधी महात्माओ आया चे कौसल्यारी चरण मा करें गड़ी पड़या बापजी अमे अनाथ है देवी धिरेज राखो अगर तमारी राम जारी वदेखे वैरत्ती ने सांचेव आया अने देवी मृत्ती ने कौन वोकी शकोजे
मारा सब पुत्रों ने मारी नजर सामे कापी नाखवा माया तोई हजी भारत न रोशी हूँ जीवतों बैठो चू देवी अही जीवी जोई तोई इन नवका मा महाराज ना शरीर ने राख्यू जा
अगर इस उसकार मा तोई पुत्र हाजर न फिर दीतों ने कई कई देश रवाना करेजा अही जाया कि अयोध्या मा अयोध्या में आविरुत्न बनी चे प्यार की भारत जी ने अप्शुकन फता आताए मा दीतों आया तो आप करें गुरुदेव याद करेंछे जल्दी आ�
रोख याद उबार्थी आईयों मारी मा स़ल्सल्या मने शरीय ने किनारे नेरा ना अविरुत्त चारी बुलून थे कहां गए सब मानियुद्य।
की वासमाय तो हम शोहर राज्य मां संतलु है हल्य है कि क्वित शैबह जा स्किननंस है
और ग्राम गांव को सब्सक्राइब करती है dio
कई कई नुआंगी नुष्णदाराई नुझी आपकी अवध उदात ने कई कई ने प्रतन्न जो रंबन करता है रज्जी नुझारे स्वागत तो अंदर गया किसी पूछू से मा बताओ आज में भी विपरीत क्या न देखाई
कई कई पूछू प्रतन नहीं बताओ मारा पीर मा बदा कुछ होई से कई वहाँ बदा कुछ होई अगर अहीनी वाप कर अने वक्ते कई कई बदी कथा काई बेटा वाप एंबनी मैं बदू सर्खू करना चू बिचारी मंथराई मन मदूत करी तारा पिता राम ने जादि आप
तारा माते उद्ध्या ने गादी मांगी पासन हाँ अने राम ने में चाइब वरस नो वनवाप वनवाप अशब्द साविलों चे पिता ना मिर्ची ने गौन बनी गएँ एक भयंकर अगर आधार ख़ाई तो भी आमाने अभरती ओई दुरुस कप्लमाकन गोने सक्ता माते
इचार नौपो करी अने मारा माते मारा प्रभू ने कार्म वनवाप कई-कई निशाने एकदम बॉरी ने पूछो अलाइजा तू साचू कहो जे
हाँ बेता मन्थरा ने मदद थी मैं बदू करीँजे बहुत जी एक प्रथम प्रश्न पूछो जे मने गादी आपी अने गाम ने वनवाप आपनार सव प्रथम खुलाशो कर तू छो कौन अगर गुणाउशनो अन्न खादू हो ते आवु काम न कर
जे कोड़ मा स्याग ने हरी खाई खाये थे थ्यां पे सक्ता ने प्रजान का वृदान मांगता है तारे बुख मा स्थिरा न परिया जिद न तूटी आवा वचन मांगी जगत मा तारा पुत्र ने तारे बदनार जीवन पर यंत बितनार कर वो हतो ते जन्मतानी साथे केमन
मारी केमन ना कियो तू कौन छे राम ने वनना सापी वही गई सिकार मारी अम्रा बवी बवाई दाओ पढ़ाओं से बवुं से बशरत जनक राम लखन से भाई जननी तू जननी भाई बीदी से कहा बस शूँ कानी दिकार छे तने
राम ने वनना मुकल मार मार चिल्ला सुद्धे सांभूले तारों ने मारो सबंद पूरो थाई तू मारे मा नथी हूँ तारो भी कहा बस अगर कईश नहीं भरत तारो पूत्र चाहिए
हुआ है कि कार्या से शमब्दित्व फिर से शुत्रुघ्न खूब रहे थे एमा मंठ्रा लुगरम है शनकार सुजे नाले ने
मंठ्रा ने शुतुर्ध प्रहार करी गर्ति पर पछारी मंथ्रा रही पड़िया प्रजिन एंड है चुलाइए संत है प्रशित्ति
जरब जीनों उग्रप रहेंछे, कई-कई मां ए राम ने वेदना आती होती तो कई-कई मां मांचे धरू बोला, पर पछी कई-कई तरह से जराए रोश बठी भरच।
जरब जीनों काईं कई-कई मांचे रोश रहें हो, तो एक कई-कई में चित्रकुप न नहीं जाए।
चित्रकुप जती वक्त कई-कई तैयार खया, तारे भरच कई-कई देख के तारे नखी आयानू, तारे लिज़ा उठपाद खया। तू शु मधू बताई इस थ्यावी।
कई-कई तैयार कुण नहीं हुआ थी, आ�Ёऽश�巷 कि भरच न भरच में चित्रकुप नहीं गिताता।
सामे चालिव संत है ना, सामे चालिव गया, तो ने कहूँ तुम भी चलो चिता, संत है तो, इतने बृह्मानन जीव कहीं चाहिए, संत नो आसवाव, किताना इष्ट में योगना थाई यो गनू नहीं, इतने गनू बोली ना थी, पर अंते संत, इतने कई कई ने पर राम सु�
दी नहीं चाहिए, सती थवाना प्रसंग ना कहीं के इन्हें सती न थवा जीदा काई, वे उनके आमाने के, तारे तो भृह्मा सवगवारी चाहिए, आम बल्युदे तु बस मक रही जाएँ, एम नहीं, गनू तेवा मान से होई, गनू तेवा कृत्य करीँ होई, पर संत न
संत
आप पदमा संतों न दर्मान अंजियों, अद्भूत न यायाते हैं, अद्भूत, सु संत में राज्शातन, संत के प्रत्ते हैं
आप पप करने चैप के दिन भड़ेरे, पारब्रहता, ज़ुई, रमखुल।
आप पबार करते हैं मूंदें, आप संतों के प्रत्ते हैं,
जैने प्रभु प्रणमा प्रीत नहोई जैने प्रीत ज़वाई जैने प्रभु प्रणमा प्रीत ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज�
जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित ज़वाई जैने प्रित jáagadke
जैने प्रित ज़वाई दोड़े जाएं gewatara
शर्षन सब दुख हारी जगत माझी संत परामा दुखारी
शंत परामा दुखारी जगत से माझी संत परामा दुखारी
प्रिगनाती जगत संक्यारी परीत जगत से म्यारी
ब्रह्मानंदसंतन की सौभत निम्नत होँ प्रवित मुरारी जगत माही संत परामा दुखारी
कोई पर विजा लेती कोई पर विक्ति ने कोई पर हीते कोई पर समय है परमात में सुधी पहुचा रहे है ए संतनों का फ्रिलियत्वी
मां कई-कई माथे गणु बेला, गणु के समग्र क्रमस्यों ने एक दिन वास्ता, आपने पर खटको लाई जाये कि मां माथे आपकी भी बेला, पर प्रेम माँ जड़ता दो प्रकार नहीं हुआ चाहिए, एक अगिनामता ने आधीन फैली जड़ता, एने बिजी प्रेम जन्
जड़ता, श्री भरत जी मां अच्छा प्रेम जन् जड़ता आई गई थी, पर एक भरत जी कुछ क्यारी कई-कई माथे काई बेला, कई-कई ने लगे आज, पतानी जातने जरूर दो साथ्या करे, कई-कई ने साथ्या चित्रकोट ले गया चाहिए, शत्रुगृण ने सम�
सही ढाया चाहिए बन्न भाईयों कॉइसल्याना महें माँ आई लाथे, पांच भरत एक शरीर पिताजी नु पड़ीज, मां कॉइसल्याना चदन मां वंडन करें, बरत जी रड़ी पीढियाँसे, मां आब अभेजी शूँ थाईगे, भरत ने जड़त आज मां दिरज गु
करता कुछ भी कोई ने नाइन भिश करें answered by the counsellor
मां बेकारी शुकरे वोक़े इतना पसक्षा maan bipyary shosh kare yotaye世ノ पर्पॉधा
उने बुद्धी मन्थरा यह बगार है unn buddhi manthraya就 brown
उन्हें बुद्धि सरसेती हो छोड़ी। सरसुरती पर शो करे। उन्हें बेरताओं एक प्रेरणा आती। उन्हें बेरताओं पर थोड़ा सतंत्र छे।
उन्हें बेरताओं एक प्रेरणा आती। उन्हें बेरताओं एक प्रेरणा सतंत्र छे।
उन्हें बेरताओं एक प्रेरणा सतंत्र छे।
बेरताओं एक प्रेरणा आती। उन्हें बेरताओं एक प्रेरणा सतंत्र छे।
बेरताओं एक प्रेरणा सतंत्र छे।
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