Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
मान जागे सुरियों भी थाओ अंधकार दूर थाओ यूवस्त में शुरुआत थाओ, यह मानस जागे हो आदि रुपी जाओ जागे हो त्याओ लोगनों अंधकार दूर थाओ अने साचो विनिक निर्मान थाओ, होई विवेंक मौह ब्रह्म गाया, तग रघुनाथ चरण अ
एनीज सरस्कृषिष्ठ पर मार्थ है गणा मानस वे मानजे न ही समार्थ मा यो अपने गड़ीव मानas अपने सो�Z पर रार्थ कई शक�ई
गणा मानस वे मन लके जा, अमारी इंतः जय कथा कराओ वानी फणों में फड़ीव मानस क्यों करादी सक्या,
इसलिए मेरे दोस्तों को मणशीठ करे और नाना कराई चीजेगी, हमारी इस मसारा क्या कहाना मनाया है?
इससे हमारी क्या मनाया है?
वो जो रणा एक मंदक्त बंधियती पॉष्ठ कर रही है।
ये संगीत नजर फिर खुदको विधि गया है।
खुद तुझे लगनमाज करी, आने आला लगनमाज कर रहा था हूँ, रिसेप्शन आपने जुरू, तब कथामाई छोड़ी गए, औरी फर छोड़ी फरी, फिलाना में मंदक मात्रे जाज जमारे पर जौमे आप लोग करी, खुदा खर्ष कथामा पर नहीं कर रही, पर जिक
कहूँगे, ता अतला हजा रुपया मंदक लोग करेग थाओ, नाम थाओ, नाम थाओ, देखाओ, फिलाना मात्रे, हाँ, देखाओ, जरूर लोग छोड़ो चे, आयो जो कोई, बहुत, बहुत, जाज जमारे में जरूर नहीं थे, सेधी साधी लास्ट डाली है, लोगों बह
टाको वो, सवार में चार वर्णे के कथा शरुख करेगा लोगकों मंदक में जरूर करेगा, अने जो क४ा आईच है, में कहेगी कह सवार में चार व charkars कथा शुंद करactic यदि भएघाने में, तो उससे बूरी करेगा , थिस थाओ घाज लिए , फिर मिलो रात में बजे भत्
एक अदिन्य यात्मा ने गई कि खोटो खर्च न थायो जिये कथाओ।
करण कि अमितों लोकों न कई सोच है।
आ जेवी मा सामान्द मा सामान्द मार्ज रूपिये मा सेच।
एना पैसा ने युद्ध न्याय आपता।
कथा मा देवी थायो भी धन राशी।
शिल्ला मानस सुधी पहुचारिया न।
यहाँ मार्ज तो यह पढ़कर गई कथा में भी लोगों रूपियाज देवा करे।
कथाओ साचे समाज याज चे।
आ व्यक्या करना के नती कहतो। अकिकत चे।
समाज याज न हर्च चे। संपन्न पासेची लोईन है।
शुद्धी यह व्यक्ति पहुचे जाए। एक साथे समाज याज चे।
प्रमानिक पढ़ें। निभानू रहें।
मर क्यों आम हर्च उठ लेज। घड़ा मार्ज चें
मानेज। यह मारा भी तो कहीं जाए। अब कथामा
और हमने खबर में इतना प्रश्न हमारे पास आ जाए।
तो हमें जब नई भी अस्ताम नहीं जिता रहो। सुत्या।
कपाल में मारो। वह मारा उठ रहा है।
तो मैं उन मानों से जाए। गादी उपर बैजित।
मौन से हम नहीं। यह उन्हें जी।
बहुत कठी। जलील आता नहीं आबाद करना।
यह गल महबत का। यह उसी का काम है।
जो खुद बरबाद होता है।
अब यहाँ बस लो नहीं है। इतना पहली मुश्किली तो यह है कि
आपंने फर्वा नहीं दिया नहीं। यह क्या फर्वा है।
तो तो तर्प शुरुदेविलियो बाकों में ओय फिरुष।
मौनारो नीती फिरुष। परमाई लोकों नहीं।
जब तीन शुद्ध लोक के जिरुत दम न कर रहे है।
ही सब्सक्राइब करते हैं कि यह के साधा यहां था थोड़ी तो eleonor पे विस्तां मुख्य सब्सक्राइब रहें स्क्राइब pounds
काम चाहिए, बागुन कितने मिनट मरूँ चाहिए, मुद्धा शूँ चाहिए, समय के लिए मैं गया तो आम पूछो आमेजा, गांधीती अंदर सामड़ी गया, मैंने भी गटना, एकदम बाहराजी मादू बैन बुला है, मादू बाम आपा, कितना बादिया जो त्यार है, �
अलि बारगाजा, बारगाजी आवा प्रस्तो ना पूछाए, शूँ काम चाहिए, केकलो समय मरूँचाए, पेलो समय लिदो, आवे प्रस्तो ना पूछाए, बारगाजी वैन पूछाए, तमें जमी लागा छोटे, जम्मानु बाकी,
अपने पहला जमाए, पानी पीड़ा, प्रशियों ने कहीश ने, चार कलार प्रशियों में मिल से, तो येने संपोष्ट थाई जासे, पर पहला तो येने आदर है।
अन्यदान, भोजने तो भारत ने संस्कृति है। हाँ, एमा बहुत पहलू नहीं हो जाए लगन में जीवन। लगन में जीवन मान। एक बार, मानस्तित, ख्युदात, पृप्पः, ठाकुर जीवन प्रसादेने, सर्खिरिते, पेप बरिनादर सहित जाने, एक बार जरूरी
क्या करेंगे, बढ़ानेनों कोई उपयोग सीखते रहें। क्या करेंगे, घणा मान सो कथाना मंदक मा छोगाजियाना बैसो छे, छतायाने पाछो जगिया मड़े से, अन्य घणा मारा पछी आ रहेंगे। अच्छे तो मारा पहला हुई जाएगे पांच मिनटे, चालो।
टीजन साथों लागियो तो गांध है। सुद्धान में लदीर किनार बारवान लिए रहूँ, घर में टीजन खाऊँ, तो खाईने। बाती रोतियों भल भलाने मारी जाए।
तो आयो जो कमी छोड़ी बड़ा खुद। कि आगर बेस में रहें तो रुबान आज टीका न भूल। आज तो घर ले जाएं चक्षा करें, कोई खोटे में लगा जाए।
एमी वामण चिंदा मंगर मापन देओग थाय कि 5.30-6 वागव लेना नायीक हुई। देठा हुई।
इन्हों दूर बसू पाते, सुहानी उतुकय aire धुनियेभर राज रात रहु जी, आरे दाउजी भाग रात रहिव।
और कोई नक्की नहीं राख गया हूँ।
तो आपको मैंने जो गादी ऊपर खाना चाहता है, जहाँ जी बेच जाए।
इन जी तो नहीं।
तो आपको गादी आप नहीं है।
यह जब यह जाएंगे।
और मारे कोई नहीं चला गया उन्हें।
तो आपको गादी आपको जी बेच जाएंगे।
इसी भी दामोड़ा पहले जाए।
पहले पहले पहले कौन शक्ति आसमान, कौन फर्क्लास्मान है।
यह अम्म कोई उकेल नहीं जी खाया।
अम्म आसमानों को मारा भावियानों इतनों खुला से जायो जायो।
कि आ असमान का नषी आसमाज में एक ज़रस्ता निभाव भी प्रजूत।
असमान का नषी पूर्ण।
अगर मैं अगर वो एक तथा दो दो दो, अपना राजी में दवर में रह गया,
अगर दवर में रह गया, वो प्रदेश आ रहा।
मोड़ा अरिश्वाब रही थी तो
कितने पुन रजिस्टर नहीं लेता है ये लोगों
खुख खुख खुख लेते थे
गवर्गार को मैं सज्जन लेता
एक वक्त में
ये रामाईन प्रेमी लेता था प्रशी मैंने मढया पर खर्या
आया बेठा
अगर एक कथा पुरी जो प्रशी है
को अविजन भाईए मैंने मोड़ो रजिस्टर रही थी
काल हुआ है तमारी प्रथावा
असमानता काल है गवर्गार में उपर
गाली नहीं है ये प्रशी मैंने मनवा
बोला है मैं कहूँ वही
मारे विचारोंने कथाना माध्यम थी
मुझे गुणो पाएंची ये जो इन्हें
तमने ख्याल आई जो रही है कि
असमानता ने पेश भी ये अमारो
जराएंगे स्वभाव न ठीक है
माना नेने इकन प्रश्प लगा रहे
कि मुझ तमारे घर आयेंगे
तो आज तो गवर्नर आपला राज्यनु
आद्रे ने पात्री से तमें उपर बैसा
दो पांच मिले तमें गवरावानी शुरू थी
समझ ये तो यह रस्था से
ये तो विवेक से
शिष्टा चाहिए
तो
दूर बैसू करते हैं
तो पर एवं न मानसो
मैं तो अंतिरम मानस माते बोली रहोगे
आद्रे न मानसो माते बहुँच्यो कुछ मोह siempre
अंतिरम मानस असते रहते हैं
न माना माना मानस सुधी बोली रहोगे
अंतेंधी
मारी ज्रोष्टिमा
अख वियात एक रूप हो चाहई
राम दर्बार एक असमानता ना दर्बार से वह आक्षित स्विकार वह कठीद चाहिए क्योंकि रदम थी असमानता वे अमारों स्वभाव मती है
साधुनों से वाव असमानता होई शके नहीं इतने प्रवद्धि से मैं करूँ कि वन्दव संत समान पित उत्तमा नजीत महिकों अंजलिगत सुभसुमन जीनें समसुगंध कर दो
अने मैंने ये पार ख़बण है मनी जानक्तु कि अपने ब्रह्षम जो सतःसे के सथे रहना रहेगी
धीम नित्यने कठा सामभुग रहा है
जनतीब कमा तो शांवखनारी का जसमगी काड़कर्षम है
जसमद स cáख़ळाओं क chamado वर्ष वोछना खुद बात कर रहेगी
इसको यही और तुम्हें समझना गड़ी वक़त यही जोया करूँगी कि साथ है रहना राज हमेशा आगल रहना राज कथा यह जो सपक संपर्कमा होई
एक गड़ी वक़त सुझरवाने बदिया बदिया है और जे गड़ी मानस मरी पर सकतो नती अच्छा आता मरू यह तो छूट से रात्रे जारे बजाने मरी तु जाहर में करें कोई पर मरी सकें पर यहने पतानी निगुता गड़ी की मान लागे कि आपना की केम मड़ाओ यह द
तो तुकुल प्रभू करते हुए चाहिए आख में हासु आजे के दविन चाहिए तो कितने आगा दूसरा और नजीक रह रहा गड़ी वक़त भुजे होगा रूप से अनुभव खुश होते हैं कि क्या पर अंकार की कौछ गमन की का कोई ही अधिक हमारे आहं मेरे हितनी के �
सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
और सब्सक्राइब करें और सब्सक्राइब करें
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật