राम
भजन बिन
बिती जिन्दगानी
दुनियानी जानी
बच्चपन खोया तुने नए नए खेल में
जवानी बिताई तुने रंग महल में
बच्चपन खोया तुने नए नए खेल में
जवानी बिताई तुने रंग महल में
आया बुढ़ःपा काया मुरजानी
बिती
जिन्दगानी दुनियानी जानी
है राम भज़व
जितने तेरे साथी तेरे साथ नहीं जाएंगे
अकेला तु जाएगा सब रोते रहे जाएंगे
जितने तेरे साथी तेरे साथ नहीं जाएंगे
इतनी सी ये बात
मूरख ना जानी बीती जिन्दगानी दुनियानी जानी
है राम राम भज़व विर
तुने क्या सोचा था ये जीवन जागेरी है
रहना नहीं है यहाँ जाना भी जरूरी है
तुने क्या सोचा था ये जीवन जागेरी है
रहना नहीं है यहाँ जाना भी जरूरी है
मोज उड़ाया जब तक दाना पानी
राम भज़व बिन
बीती जिन्दगानी
दुनियानी जानी