आप लोगों की मांग हुई कुमारी गीता त्यागी जी का तो आज हम उन्हें लाकर खड़ा कर दिये तो आप लोगों से अमारी प्रार्थना है कि आज भी रहा समाज में एक नारी जो की सर पे पगड़ी बान के मैदान में कूद पड़ी है
अगर ऐसे ही हमारे देश की नारियां मैदान में आती रही तो अपनी इजट अपने हाथ से बचा सकती है तो दोस्तों मेरा प्रार्थना है कि आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
आप लोग शांति का सहयोग देंगे
प्रशंग वो समय कबाए जवने समय पुरुषवत्तम भगवान स्री राम चंती मा जानकी को लिये
साथ में भाई लक्षमण को लिये बन के लिए रमाना हुए प्रस्थान किये उन्हें जाते हुए देखकर बनबासियों का सहना है
आगीत के लाइन मिलल
यदि प्रदय का कोई अनुभवी शर्म है...
हमारे भगवान बातित पूरा रूजा ऑनोशीत का लिए मनात हुए
रूज रूज कागा बोले
हमरे अननमा
रूज रूज कागा बोले
आई रे बेही मानावा ले चाला गवर्वा
आई रे बेही मानावा ले चाला गवर्वा
आई रे बेही मानावा ले चाला गवर्वा
आई रे बेही मानावा ले चाला गवर्वा
घरवा उजरले की उजरले अटरिया
आ शरीता शुकाईली की शुखल फूल वलिया
शरीता शुकाईली की शुखल फूल वलिया
माई बाबू माई बाबू
माई बाबू रोवत होई है
पीट पीट छतिया, माई गाब रोवत होईया, पीटी पीट छतिया, कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
पीट पीट छतिया, माई गाब रोवत होईया, कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
पीट पीट छतिया, माई गाब रोवत होईया, कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
अरे फाटल ना कले जा कहें, दिहरल ना मनावा
अरे पल भर पल भरे, पल भर भी सरे ना, तुहरी सुरतिया
अरे पल भर भी सरे ना, तुहरी सुरतिया
कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
कहा जात पानी रंवा, नहूं रहिया
एक बात बनवासी आउट कहतूंगा
ती कठीन कठोर घोर बनवा के रहिया
कठीन कठोर घोर बनवा के रहिया
ती कठीन कठोर घोर बनवा के रहिया
आ कैलतनी अराम घाम बाते दुपहरिया
आ कैलतनी अराम घाम बाते दुपहरिया
अरे दिनमात बीती जयैं
अब दिनमात बीती जयैं
कईसे बीती रहती या
दिनमात बीती जयैं
कईसे बीती रहती या
कहाँ जातमा ही रह्माति न हुँरती या
कहाँ जातमा ही रह्माति न हुँरती या
जिन शमें बनवासियों की निगाव उर्षत्तम भगवान राम के चरणों की तरफ पड़ी प्रेमियों
मा जानकी के चरणों की तरफ पड़ी
एक बात कहने लगे
कि फुलवासे कोमल पाटे
कि फुलवासे कोमल पाटे
खोमल बाटे रंगा के पाउंवा
आज चूबी जाई है काटा कुछे
बाटे ना खड़ाऊंवा
चूबी जाई है काटा कुछे
बाटे ना खड़ाऊंवा
आज चूबी जाई है काटा कुछे
बाटे ना खड़ाऊंवा
आज जात बानीरंवा के पुरंच
आज जात बानीरंवा के पुरंच
आज जात बानीरंवा के पुरंच
आज जात बानीरंवा के पुरंच
लाश मैं फिर लिया
जात बानीरंवा के पुरंच
गुरु का पर्चे देते हुए करता है क्या कि अरे बिहारी गनेश राम बिहारी गनेश राम बिहारी गनेश रोए अशुआ बहाई
अरे बच्चन चंद्री का कभी को छोड़ गए पराई
राम देव सूर स्याम बन रह संगातिया
राम देव सूर स्याम बन रह संगातिया
कहां जातबा नीरंवापिन हुए आगा
कहां जातबा नीरंवापिन हुए आगा
कहां जातबा नीरंवापिन हुए आगा
कहा जागबाली रहुआ आशिना मुरपिला
मुरपिला
राम देव खुर श्याम बन्द संहतिया
कहा जागबाली रहुआ आशिना मुरपिला