काम आए हैं मेरे राम आए हैं
जन जन के मन हरशाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
खुशियों ते कमल मुस्काए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
जन जन के मन हरशाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
बैठ के उची डाली काली कोयल कुकु गाती
कल कल करती सर्यों की धारा संदेश सुनाती
जो सबके ही मन को भाइ हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
जन जन के मन हरशाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
जन जन के मन हरशाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
देखो आज सजी दुलहनिया जैसी आयोध्या सारी
मिलकर खुशी मनाते हैं सब भारत के नर नारी
घर घर में दीप जगाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
जन जन के मन हरशाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं
गो ब्रामन और संतों के हित रूप ये धार लिया हैं
इज भगतों की पीड़ा हरने को अवतार लिया हैं
पद रोशन लालने गाए हैं प्रभुराम आवध में आए हैं
जन जन के मन हरशाए हैं
प्रभुराम आवध में आए हैं