एक बहने राखी लिये खड़ी उड़ी कै बाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बिलड़ी उचाट
बेगो आजा सावरा मन में बिलड़ी उचाट
अजय को अजय को
तेरे कोमल पूछ ये परिकाना राखी बांधूंगी
राखी बांधूंगी
तेरे कोमल पूछ ये परिकाना राखी बांधूंगी
राखी बांधूंगी
निर्खूंगी तेरे रूपने जद्डी को काडूंगी
जद्डी को काडूंगी
आख्यां से जद्द आख्यां मिले
आख्यां से जद्द आख्यां मिले थोडो मुस्का जा रहे
आख्यां से जद्द आख्यां मिले थोडो मुस्का जा रहे
बेहना खड़ी उड़ी के तुराखी बंधा जा रहे
प्राखी को है दिल्वा
घर बिद की थोड़ी बात भी तेरे से करनी है
घर बिद की थोड़ी बात भी तेरे से करनी है
तेरे से करनी है
बिन्नू कवै कर लेव कलेवो त्यार छन्नी है
लाडू को देऊंगा सियो
मेरे हाथ से खा जा रहे
लाडू को देऊंगा सियो
मेरे हाथ से खा जा रहे
देहना खड़ी उड़ी के
तु राखी बंधा जा रहे
राखी को है त्योहार
राखी को है त्योहार
सावल भी
राखी को है त्योहार
राखी को है त्योहार