राखा एक हमारा स्वामी।
सगल खटां का अन्तर जामी।
उठात सुखिया, बैठात सुखिया
पाउ नहीं लागे, जाहे से बूचिया
राखा एक हमारा स्वामी।
सोई अचिन्ता, जाग अचिन्ता
चहा कहा प्रभण, तू वर्धन्ता
राखा एक हमारा स्वामी।
कर सुख वसे, पहर सुख पाया
कहो नानक गुर, मंत्र द्रिलाया
राखा एक हमारा स्वामी।
सगल घटां का अंतर जामी।
उठात सुखिया, बैठात सुखिया
पाओ नहीं लागे, जाहे से भूचिया
राखा एक हमारा स्वामी।
कर सुखिया, बैठात सुखिया
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