सब के निरक साब के
सब के निरक साब के
गोरा रंग बिड़ी विच बंग नी मुखडे दी संग
साब के निरक साब के
छूटी खंग चिटे जो दन्द नी हुसन दी मंद
साब के निरक साब के
रखी अख नूब चाके तारी सुर में दी पाके
हर अख वे नी मैली वे जी रेत ना बुआके
मैली अख जाच पेरे हासे ना लुट जाबन तेरे
साब के निरक साब के
जैरी गंग बड़ा दे गंग नी लती नमी कंझ
साब के निरक साब के
सैला बंदी नाु बी दानी नानी इशी के जगानी
सैला बूदी नां बी दानी शलि ताके वच गह रहे
हँमें पड़ा खील दिया रहे हैं
हर शलि दिया रहे हैं
सैला बूदी नाँ बी दानी नानी ताके बुछा दिया रहे हैं
दाग पग़ा मा लेंदे किसे गलो मा पेखें दे
चान चाड़ा ही देखे गिदे बेखी के लेंदे
राताने ही भुली तारे गिर से ही पंडपने सारे
नी रखी साम घे
काले संध इशिक ना रंज नुनंया में हैं ज़क्हा मूद
नी रखी साम घे
गोरा रंग बिड़ी बिचिंबंग नी मुखड़े नी संग
नी रखी साम घे
गोरा रंग बिड़ी बिचिंबंग नी संग
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