पिली गुजरात जार खोण्ड में गाई गाई
सगरो न चनिया में एक नमबरेली
पिली गुजरात जार खोण्ड में गाई
सगरो न चनिया में एक नमबरेली
केहु सहना ही पाइल हो मरा हो भार के
रोख दिही पानी तोर जवानी के जार के
छोर जाई जदी कोनो लोहिका भिहार के
रोख देही पाली तोर जबाली के ज्ञार के
छोर जाई जदी कोनो लोहिका भिहार के
लोहिका भिहार के
लोहिका भिहार के
मारिला जोब हम कोमर के छाचे गया
अच्छा अच्छा लोगो के मार भिला छाचे गया
है यहाँ बाके लोहिका जे भिवी तट जाहाई
कोहा लाली देखिये के तोर पट जाहाई
बाबु तब कर जाहाई
लोलर्का छोळा दिभाने
बनल बहुतेरी जात तुड़ावा दिभाने
जुू गहाईल बादे ला तुझारा लकाके रखाके नहें घुमाहीर के
रोक दिही बानी तोर जावानी के झारके
छळ जाई जोदी कोनो लोहिका भिहार के
रोख देहि पाणि तो जबानि के जहार के, छोड़ जारि छोड़ि खोनो लोहिका भिहार के
रोख देहि पाणि तो जबानि के, छोड़ि खोनो लोहिका भिहार के
रोख देहि पाणि तो जबानि के, छोड़ि खोनो लोहिका भिहार के
छोड़ जारि छोड़ि खोनो लोहिका भिहार के
रोख देहि पाणि तो जबानि के, छोड़ जारि छोड़ि खोनो लोहिका भिहार के