बाग लुच्छा टॉकी के तुक नहीं बोल रहा हैकातिल चामी जो बोले बाते ही ज़वानीबाग लुच्छा टॉकी के तुक नहीं बोल रहा हैकातिल चामी जो बोले बाते ही ज़वानीपित नहीं भोड़ी खाली प्यान वाला धन्धा सेकोलो दुकान पिया पान रोजन गंधा केचुम चति कोर है लाजी न दिल बपोरागुतनी निकामा कोहे लागे हमारा बोराकोहे बाला के कोहे दा तु आपने काम पराकोहे कोहेवसरा के कोहा में पाड़ो न धन्धाआवना कोरा में पिया सोवा ज़वानीहो हो किसान के सीखोड़े बोंते कंदा केकोलो दुकान पिया पान रोजन गंधा केकोलो दुकान पियाकोलो दुकान पियाकाभैये पारी जग्रा जो टो रोख हो पोला केबेच भो लो मुझे काथा छोना निलाकेठीके कहा तारूहाँ तो ठीके कहा तारूमुणुमाल बेला कोहे सुभावशि गिरि वाले होकामधाम कौईले होन के लागे जंजाल होका समझाई आप तहाँ जोच बंधा केकोहो दुकान पिया पान रो जोनी गंधा केकोहो दुकान पिया पान रो जोनी गंधा के