हम खाना बना के ले गयले
फिया इन्को कबर ना खेला
भिक दी हुए उठा के थर्या
जाने काहे खातिर को खैले
हम खाना बना के ले गयले
फिया इंको कबर ना खेले
भिक दी हुए उठा के धार्या
जाने काहे खातिर को खैले
हमसे बोलत नई के सइया
कल रात से सखी
राजा रूसल बाड़ जाने
कौन बात से सखी
पाड़ पत रहे मन
उनके सदेख बिन
रात के पहार बितया मुझे
पाड़ पत रहे मन
रात के पहार बितया मुझे
पाड़ पत रहे मन
रात के पहार बितया मुझे
ना ही खाले जब कियाई
अपना हात से सखी
राजा रूसल बाड़ जाने
कौन बात से सखी
राजा रूसल बाद जाने
कौन बात से सखी
लागता कि कैल बाड़े
दूसरा से प्यार हो
साचो कोहता नी जिनगी
भोयल दूसरा हो
लागता कि कैल बाड़े
दूसरा से प्यार हो
साचो कोहता नी जिनगी
भोयल दूसरा हो
संज़ आनुज खेल तारे
बुर जजबात से सखी
राजा रूसल बाद जाने
कौन बात से सखी