तोहार कौन चाल राजा रोज रूठ जाल
रोज रूठ जाल तैया रोज रूठ जाल तोहार कौन चाल राजा
कितना सुबह से लेके पत्नी कहती है कि सुबह से हम इतना काम करते हैं
फिर भी हार बात पे मेरे ही प्याग घुसा करते हैं
भोरे भोरे उठ करके खाना बनाई भूरे भोरे उठ करके खाना बनाई खाना बना करके तोहके खियाई
चटनिया के करण राजा रोज भी सियाल चटनिया के करण राजा रोज रूठ जाल तोहार कौन चाल राजा
भरी दूप हरिया में कपड़ा सुखाई
कपड़ा सुखा करके रोज तही आई
कपड़ा सुखा करके रोज तही आई
कपड़ा सुखा करके रोज तही आई
रुमलिया के कारण राजा रोज खीसियाला तोहार कौन चाल राजा रोज रुमलिया के कारण राजा रोज खीसियाला
छाज होन हम गंजन बनाई छोले भटूरे पकोडा खियाई
छोले भटूरे पकोडा खियाई
गुगुनिया के कारण राजा फेन खीसियाला
गुगुनिया के कारण राजा फेन खीसियाला
तोहार कौन चालर रोज खीसियाला
कौन चाल राजा रोज रोठ जाल तोहार कौन चाल राजा
सूते के पहले रोज पाव दबाई
सूते के पहले रोज पाव दबाई
पाव दबा करके तेल लगाई
सब बहरा के खीस राजा हम पर धराला
सब बहरा के खीस राजा हम पर धराला
तोहार कौन चाल राजा रोज रोठ जाल
सूते के पहले रोज रोज लाला
पाव दबा करके तेल लगाई
रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल, रोज रूठ जाल
आप लोग के यहाँ बनता है घुगनी? एकदम चना का घुगनी बनता है, वही वही घुगनी, उसकी बात थी, आ, क्या कहते है? गुगरी, अच्छा वहाँ इंडिया से फीजी जाते हैं, तो ना करा हो गया, तो देट्स ओके, चलता है, इतना तो चलेगा, तो उपर एरप
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