रागुपूर के माटी छोड़ी अब धाना गरीया
कवाना टगरा तू हूं,
चलाला बाटो अहिया,
कवाना टगरा तूहूं
गङ्गा जी के पानी छोड़ी, सीतला बायारिया,
कवाणा सहरा तू हूं,
चलाला बाटो अहिया,
कवाना सरा तूहूू
गोयाली के बोलीया पिपरावा के छईया
पोखारा के भीराबाब पन घट तलईया
अरे कोयाली के बोलीया पिपरावा के छईया
पोखारा के भीराबाब पन घट तलईया
आरी की आरी छोड़ी गऊँआ के गलिया
कवाना सहरा तू चलाला बाटो हिया
कवाना टागरा तू
आज के बाद तू हो जाएबा परदेशी अपनापन मिली नाहीं गऊँआ से बेसी
छोड़ी के समाज आपन तूड़ी के साने हिया कवाना
टागरा तू हूँ चलाला बाटो हिया कवाना सहरा तू हूँ