आखे रो रो वर दिये तेरे पुगराश रचाने का
तुटाश रचाने का
काना तुमसे पिछडे जबसे मिली मुझे उस बाई है
कोई भी दिन रात नहीं जब याद तेरी ना आई है
मेरे पीड़ा है से आई है और दर्द भरी तनहा आई है
सोगन काना तेरी इकबल चैन की सास ना आई है
मुझे पता है काना तुम भी मेरे खाती रोज तडबते हो
मेरी एक चलक पाने की खाती तुम भी रोज तरसते हो
धरम का पालन करते हो और धरम को उपर रखते हो
पर करते हो प्या को काना क्या तुम मुझे से भी प्रिया समझते हो
ओ काना राधा तरस गई तेरे एक दर्शन पाने को
आखे रो रो बरस गई तेरे संगडा सरचाने को
ओ काना राधा तरस गई तेरे एक दर्शन पाने को
आखे रो रो बरस गई तेरे संगडा सरचाने को
मेरे मुर्ली वाले मोहन तेरी धुन को गहिया दर्स गई
तेरी आदमे के शिवन अखिया मेरी बादल बनके वरस गई
यमना की पावन धारा भी मुझे दिखा के तेरा दर्स गई
कल द्वार का से आई पवने मुझे करके मानुस पर्स गई
कभी बलके नहीं चुकाई का ना जाने कब सो जाओंगी
मेरी आखे बंद हुई तो समझो लोट के फिर ना आओंगी
हर चनम मैं तुझको पाऊंगी तेरी रादा बनके आओंगी
ये पीड़ा भी कोई पीड़ा बोल सब हस के सह जाओंगी
कॊकाना राधा तरस गई तेरे एक दर्शन पाने को
आखे रो रो बरस गई तेरे संग रास रचाने को
कॊकाना राधा तरस गई तेरे एक दर्शन पाने को
आखे रो रो बरस गई तेरे संग रास रचाने को
कॊकाना राधा तरस गई तेरे एक दर्शन पाने को
राणा तरस गई तेरे एक दुर्शे दुपाने को
आखे रो रो वर गई तेरे भगरान दुपाने को
तास रचाने को
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật