कभी अजनबी लगे जिन्दगी सबी रिष्टे वहमों गुमा लगे
कभी हम सफर लगे रासते कभी मन्जीलें भी धुवा लगे
मिट जाए अंधेरे जो तु कर दे इशारा
दे तुझ को सदाए तुझ को ही पुकारा
दे दे तु किनारा रब्बावे
रब्बावे रब्बावे
एक तुझी सहारा रब्बावे
है जिन्दगी ये ऐसे मुठी में रित जैसे
बीते समय की धारा नदिया का पानी जैसे
पल जानें
क्या हूँ मौला कोई ना जाने
किसके नसीबों में है प्यार हजाने
मिट जाए अंधेरे जो तु कर दे इशारा
दे तुझ को सदाए तुझ को ही पुकारा
एक तेरा ही सहारा रबावे
रबावे रबावे
एक तु ही सहारा रबावे
रबावे रबावे
एक तु ही सहारा रबावे
करते हैं