रात मैं रात मैं रात सपने में आई थेहे सक्खी बाबा मोहने राम रात सपने में आई थेहे सक्खी बाबा मोहने राममोर मुकुट पी तांबर पटकीसो भमने गजबलागिती जब घोड़े की टॉप सूणी थीसक्खी निद्से मैं जागी थीजब घोड़े की टॉप सूणी थीसक्खी निद्से मैं जागी थीवो नीला घोड़ा लाई थीसक्खी घाली थी लाले लगांरात सपने में आई थेहे सक्खी बाबा मोहने रामबाबा जी ने आते ही मेरे सिर पे हाथ फिराया थामन भी सखितावल करके चरणों शीस जुपाया थामन भी सखितावल करके चरणों शीस जुपाया थाखड़े मन चोक में पाए थे मन जुक कह करे परणारात सपने में आए थे सखि बाबा मोहन राजतावल करके माखन लयाई राजी होके खान लगेबाबा जी के दर्शन करने सारे पडोसी आने लगेमारे बाबा जी के दर्शन करने सारे पडोसी आने लगेसंजे ने दो भजन सुनाई थे हो गईबाबा जी के दर्शन करने सारे पडोसी आने लगेकठे लोग तमाम रात सपने में आए थेसखे बाबा मोहन राम