आई
खुशाओ की बरात
सजगई सपनों की सागात
गुझे शहनाई
बजे बधाई
राहुल रोमिता की शादि आई
चमके हैं दीप
जुमे सितारे
आज बहारे भी गले लग जाए रे
रब की सोगंद हैं
प्रत्मे रहेगा हर जनम तक ये रिष्टा
खुदाने लिखी हैं इनकी कहानी
सजे हैं दुहे राजा डलहन भी प्यारी
बुलों से जन की जोडी नारी
दोनों का जीवन
सदा सुखी हो
प्रत्मे ये प्रेम कहानी हमारी प्यार का दीप यूँ ही जलता रहे
राहलों मिता कसा खिलता रहे संगीत बजे बधारी हो
जादी की शुब का मनाए हो