किम्मती वाधावती किम्मती वाधावती पर चगवादी नैमना।
पुष्ठगी आदी किया चूनु जूडे नैमना।
इतनी गाविती आधी सीखे, अण घपनाकर लिस्नें,
कदी जीजेखें, चिष्विवाधी साथ, पुष्ठी वाधावती,
जीतरा बानुक रसीपा मैं दिले रंजी नगा
काय निन्दे दीमतो चम्मीडीने मना
पुष्टगीया दीकिया चून जूडीने मना
किम्मती वादावती पर चगौजीने मना पुष्टगीया दीकिया चून जूडीने मना
मन के जाना माहे दर्वरतोप मन बानु
मन के जाना माहे दर्वरतोप मन बानूर नभे तोहु जाने शर्दला पर चनामीने मना
पुष्टगीया दीकिया चून जूडीने मना
किम्मती वादावती किम्मती वादावती पर चगौजीने
मना पुष्टगीया दीकिया चून जूडीने मना
करनी बीते इश्के आसे मनी दिलारो के अजीद
बसना इसुत का मनी दिल अंगता पीने मना पुष्टगीया दीकिया चून जूडीने मना