आज फून मैं करनैं तिलवर्डे, सैट चाडे अंजवन्द हाल घिनू,
मेदी लोकल कालो दूर भी नैं, लिसा में तुम्मत्प अंजवन्द हाल घिनू,
अंज मेदी इता नैं रुकदी, रुके इमत्ता अंजवन्द हाल घिनू,
चेड़ा इदु के नाई,
नाजर नैं आया, मता होवे रज्वन्द हाल घिनू,
रश हेता सैट भी आमंगवादे, यार सीवर इहो चाडे,
इदु ते क्यों ने आया, नाजर चाडे, जल्ले छेली हैं तब,
वन्याक्षी यार, तू इवे सथीक़ कहने,
कईशे न पीव खावा, रुवा तो जग रुवावा है,
कईशे न पीव खावा, रुवा तो जग रुवावा है,
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू
रोमात जग्रुमामा लक्षत गई दिवारू