काबिलियत पर शक मत कर मेरे दोस्त, लोग हमें हराने के लिए कोशिस नहीं, साजिश करते हैं, बातों पर भी भरोसा करने वाले हम, अब हकीकत पर भी शक करते हैं, बेखोफ आइने सा किर्दार रखते हैं, फिक्र तो वो करें, जो चहरे दोचार रखते हैं,तुम्हारे अपने ही तुम्हारे तुष्मन बन जाएंगे, तुम जरा सा उनसे आगे निकल कर तो देखो, इंसान के बास करने का तरीका बता देता है, कि उसकी जिंदगी में हमारी एहमियत क्या है, मुकदर की लिखावट का एक ऐसा भी काइदा होना चाहिए, देर से किसमतखिलने वालों का दो गुना फाइदा होना चाहिए, नए साल में मुहबत नहीं करेंगे हम, किसी के हिजर में यह आहरी महिन्ना है, अलगी लाइन में खड़े हैं लाला, बराबरी तो छोड़, तु हमारी लाइन में भी नहीं है, काबिलियत पर शक मत कर मेरे दोस्त, लोगरहे हैं, जो चहरे दो चार रखते हैं, तुम्हारे अपने ही तुम्हारे तुष्मन बन जाएंगे, तुम जरा सा उनसे आगे निकल कर तो देखो, इंसान के बास करने का तरीका बता देता है, कि उसकी जंदगी में हमारी एहमियत क्या है, मुकदर की लिखावट का एक ऐसचाला, बराबरी तो छोड, तु हमारी लाइन में भी नहीं है