रवीवार की दिन और मंगलवार की दिन दुख्या
खलीला प्रलादपुर में पहुँच जाते
और भक्तों की अपार खुशी को देकर
मन भी विश्वास होता है कि यहाँ पर हमारे बिड़े कार्य जूर बने
जिन दुखों के वहाँ पर दुख दूर हुए
वो भूनों में कैसे जूर रहे हैं
दिल के भाव प्रगटा रहे हैं
आईए कैसे
छोटा सा बाला जी
छोटा सा बाला जी
प्यारा सा बाला जी
गाम खलीले में सब के यो साटे साटे से
दस रुपे में बाबा सब के संकत काटे से
छोटा सा बाला जी
प्यारा सा बाला जी
छोटा सा बाला जी
हो सचा ध्यान लगावे लगावे
उसने मेरा बाबा बड़ा बोटा सेट बनावे
हो सचा ध्यान लगावे लगावे
उसने मेरा बाबा बड़ा बोटा सेट बनावे
अपने भकतने अपने नियम बार पल पल चाटेसे
शंриरुपे ने बाबा सब के संकन्ट काटेसे
छोटा सा बाला जी प्यारा सा बाला जी
वे
हो सचा ध्यान लगावे
प्रतासा पालादी यारासा पालादी
जिसने भी अरधी लाई रे लाई मेरे वालादी करते आप सुनाई
जिसने भी अरधी लाई रे लाई मेरे वालादी करते आप सुनाई
दिन तुखी और अपलाने सतक लुझे आप अधेस है
तसर में में पापा सब के संकटे का दैसे
छोटा सा बालादी प्यारा सा बालादी
पढ़ो हनुमान चालीसा चालीसा सब संकट कट जा
और कले गात में गिलीषा
पढ़ो हनुमान चालीसा चालीसा सब संकट कट जा
और कले गात में गिलीषा
सर्दातर के दर्शन कर ले वो किसने नाटे सैर
बस इन पेने पापा सब के संकट काटे सैर
छोटा सा बाला दी यारा सा बाला दी
पापा की फिर रह माला रह माला
पापा का बेटा योर सुरूरा
नुखली ले आणा
सुन बोल पुहूरिया के घड़ पेसी पटे सैर
रस रुपे ना पापा सब के संकट काटे सैर
छोटा सा बाला दी यारा
सा बाला दी यारा सा बाला दी
छोटा सा बाला दी, प्यारा सा बाला दी, काम खलीले में सबके यो साटे साटे से, पस्पे में बापा सबके संगट का टेसे
छोटा सा बाला दी, प्यारा सा बाला दी